
गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी पुजा से अत्यधिक लाभ होता है
सनातन धर्म में गुप्त नवरात्रि का बहुत महत्व है. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की गुप्त पूजा की जाती है, जिसमे माँ बगलामुखी अष्टम महाविद्या है, जिन्हें ब्रम्हास्त्र भी कहा जाता है, गुप्त नवरात्रि में इनकी साधना व पुजा से जातक को सिद्धिया प्राप्ति होती हैं,
गुप्त नवरात्रि में बगलामुखी साधना कैसे करें?
- महाविद्या बगलामुखी की साधना करने के लिए स्नान करने के पश्चात् शुद्ध पीले वस्त्र धारण करें.
- अब अपने घर में किसी एकान्त या पूजा कक्ष में पूर्व दिशा की तरफ़ मुख करके बैठ जाएँ.
- बैठने के लिए हमेशा पीले रंग के ऊनी आसन का प्रयोग करें.
- अब अपने सामने एक लकड़ी की चौकी रखे और इसके ऊपर गंगाजल छिड़ककर इसे शुद्ध कर लें.
माँ बगलामुखी की पूजा में रखे ये सावधानियां –
- माँ बगलामुखी की पूजा तांत्रिक पूजा होती है इसलिए बिना किसी गुरु के निर्देश के इनकी पूजा नही करनी चाहिए.
- कभी भी माँ बगलामुखी की पूजा किसी के नाश के लिये नहीं करनी चाहिए.
- माँ बगलामुखी की पूजा में हमेशा पीले आसन, पीले वस्त्र, पीले फल और पीले नैवैद्य का प्रयोग करना चाहिए
- माँ बगलामुखी के मन्त्र का जाप करने के लिये हमेशा हल्दी की माला का प्रयोग करना चाहिए.
- माँ बगलामुखी की पूजा हमेशा सँध्याकाल या मध्यरात्रि में करनी चाहिए.
- अगर आप अपने शत्रु और विरोधियों को शांत करना चाहते हैं तो माँ बगलामुखी के जन्मोत्सव और गुप्त नवरात्री में इनकी पूजा जरूर करें.
लाभ- 👇
- शत्रुओं का विनाश
- धन प्राप्ति
- व्यापार में उन्नति
- असाध्य रोगों से मुक्ति
- कर्ज मुक्ति
- तंत्र से सुरक्षा
- ग्रह दोष निवारण
- कोर्ट केस वाद विवाद विजय
- विवाह बाधा निवारण
- संतान्त सुख प्राप्ति
- गुप्त शत्रुओं से सुरक्षा
- तंत्र बंधन मुक्ति
- प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता
- सर्विस में बाधाओं का विनाश